BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

मंगलवार, 31 दिसंबर 2013

नवल वर्ष


विगत वर्ष
दर्पण बना रखो
देखना अक्स 



कैनवास  है
आगंतुक बरस
ईश पेंटर

नवल वर्ष 
पतझड़ पश्चात् 
वसंत पर्व




शुक्रवार, 27 दिसंबर 2013

बटोही साल




फिर मिलेंगे 
देता गया दिलासा 
गुजरा साल 

बटोही साल 
छोड़ गया पोटली 
यादो से भरी

ओस की बुँदे 
खिड़की से फिसली 
चमका रवि 

dew drops 
sliding from glass windows 
sun shine




बदले रंग
मनुष्य वक्त ऋतू
रंग है स्थिर

शीतल छांव
धुप का महादान
गर्वित तरु

श्रम के बीज
खिलाएंगे सुमन
माली की आस 



बुधवार, 11 दिसंबर 2013

ठण्ड है भाई


उषा सुंदरी
घूँघट से देखती
शर्माते गिरि


सोया सूरज
कुहासे की रजाई
ठण्ड है भाई

बुड्ढी हड्डीयां
आ गयी सहलाने
जाड़े की धुप
मंजिले वही 
कुहासों ने निगले 
डगर सभी


बर्फ ही बर्फ 

भीतर या बाहर
है हिमयुग

हो रही सांझ
ठिठुर रहे रिश्ते
खोजते ताप

धुप की ताप
पिघला नही पाई
रिश्तो की हिम

सर्द है रात
तेरी यादो ने छुआ
जलेअलाव




क्रांति मशाल

हिममानव ढोते
अच्छा मजाक




पर्वत चोटी

हिम चादर ओढ़े
रण में डटी

पर्वत माला
साल भर ओढती
हिम दुशाला

श्वेत चुनड़ी
पहने हरी साड़ी
हिंद सुन्दरी


बरसो बाद 

पिघला ग्लेशियर 
मिला जो खत









गुरुवार, 5 दिसंबर 2013

हायकु विधा


हाइकू दिवस का हार्दिक शुभकानाए  

हायकु विधा
शब्दों की पूर्णाहुति
भाव समिधा

वर्ण सुमन
उड़ी भाव सुरभि
हाइकू वन

वर्ण पंखुरी
खिले हाइकु पुष्प
भाव सुरभि


मंगलवार, 3 दिसंबर 2013

बिछी बिसात



बिछी बिसात 
जीवन शतरंज 
मोहरे हम 

हार या जीत 
जीवन एक दांव 
बिछी बिसात


बाजी से नही
होती है हार जीत 
वक्त के हाथ

मानव जात 
चालो का भ्रमजाल 
बिछी बिसात


काला या गोरा
जीते कोई भी राजा
पिटता प्यादा

राजा या रंक
करते है  विश्राम
माटी  के अंक