BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

शनिवार, 14 फ़रवरी 2015

प्रेम चन्दन


प्रेम चन्दन
लूट जाए न लाज
लिपटे सर्प

पिघल गयी
बून्द बून्द  चाँदनी
आगोश पी के

नब्ज टटोला
मिला न कोई रोग
था वो मन का

तुम्हारे बिन
सिसकती पायल
कंगन मौन

पिया न पास
जल रहा सावन
झूले उदास

खिंच आँचल
पवन उड़न छू
ठिठके पग

बाकी है आस
फिर उठे पलक
फैले उजास

बनेंगे शोले
स्मृति की चिंगारियाँ
रोको हवा को
बंजर धरा
निखरी हरियाली
प्यार में तेरे

बाँसुरी बनूँ
धरो अधर तुम
गीतों में ढलूँ

प्रेम सुगंध
फैलती चली जाए
तोड़ बंधन

चुराए हवा
चन्दन की खुशबू
महका वन

प्रेम का अर्क
है शीतल चन्दन
हरे तपन

रखना पग
मेरे मन प्रांगण
थोड़ा सम्हल
किरचों की जमीन
कर दे न घायल 

बुधवार, 11 फ़रवरी 2015

रोप दूँ वादे

रोप दूँ वादे
मिले कच्ची जमीन
पी के दिल में
पक्की जमीन 
बुलंद ईमारत / तेरे मेरे प्यार की
क्यों रोपे वादे
पक्के वो वादे
निकले कच्चे घड़े
पानी में बहे

वादों के बीज
फुहारों संग बहे
दरकी मिटटी

रविवार, 1 फ़रवरी 2015

गूंजा संगीत


झूठा आठवा
पूर्णता का प्रारम्भ
सुर सातवाँ

कभी सुर में
कभी बजे बेसुरा
तन तम्बूरा
बाँसुरी बनूँ
तेरे होठो से लगूँ
छिड़े संगीत
प्रीत के गीत
लिखे नयन पृष्ठ
पढ़ लो मीत
आये न कंत
तड़पाये जियरा
राग बसंत
चाँदनी संग
लहरों का नर्तन
सुर संगीत
सूना आँगन
गूंजी किलकारीयाँ
जलतरंग
खोजे पवन
मधुर सरगम
बाँस के वन
छू कर जाये
जब यादे तुम्हारी
बजे सितार
मृदुल वात
पाखी का कलरव
भैरव राग
खिले पुहुप
गुनगुनाया भौरां
राग बसंत
खोजता मीत
परिभाषा प्रीत की
भ्रमर गीत ( उद्धव गीत )
रोया दरिया
पत्थर की चोट से
गूंजा संगीत

गीत घुँघरू
घुटन सिसकन
जीवन सुर

लय में  बँधे
ऋतु  , काल , जीवन
मुक्त है मन