BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

गुरुवार, 9 जनवरी 2014

पूस कि रात


झीनी  चादर
दे  गयी  गर्माहट

गगन  तले


सर्द हवाएं
करती  अट्टहास
कांपती धरा




छँटें बादल
अम्बर ने बिखेरे
ख़ुशी के रंग

रेशमी धुंध
फूलों ने पहनी है
श्वेतवल्लरी


झलक दिखा
गुम हुआ सूरज
घना कोहरा

पूस कि रात
फूटपाथ पे मिली
मौत को मात