गुरुवार, 14 अगस्त 2014
शनिवार, 9 अगस्त 2014
चिरायु रहे भैया
मांगे न धन
चिरायु रहे भैया
चाहे बहन
सूनी कलाई
कच्चे धागे से बंधे
बंधन पक्के
राखी महंगी
बहना परेशान
घर में तंगी
सूनी कलाई
सीमा पर डटा है
रक्षक भाई
भाई बहन
कच्चे धागे से बंधे
अटूट बंध
बरसो बाद
मिले भाई बहन
झड़ी सावन
ओ चंदा मामा
भीगे माँ के नयन
राखी बंधा जा
माथे तिलक
हाथ रेशम डोर
वीरा विभोर
आया न भैया
भिजवा उपहार
फर्ज़ निभाया
चाँद सा भैया
सूरज सा चमके
बहना आस
सजाये थाल
जोहते रहे बाट
नैन व्याकुल
बुधवार, 30 जुलाई 2014
रची मेहँदी
रची मेहँदी
चटख लाल रंग
जलती सखी
गावे कजरी
नैन सावन भरे
पिया बावरी
लजाई मही
सावन पिया लाये
चुनर हरी
असमंजस
पीहर पिया प्यारे
जाऊ किधर
तुम्हारे बिन
सिसकती पायल
मेहँदी मौन
बागो में झूले
उदास है बाबुल
लाडो न भूले
छवि देखती
बिटिया दर्पण में
माँ बिटिया में
पीहर प्यारा
साजन बिना जले
जिया बाबरा
नुपुर बने
कुरीति,परंपरा
पग जकड़े
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