मांगे न धन
चिरायु रहे भैया
चाहे बहन
सूनी कलाई
कच्चे धागे से बंधे
बंधन पक्के
राखी महंगी
बहना परेशान
घर में तंगी
सूनी कलाई
सीमा पर डटा है
रक्षक भाई
भाई बहन
कच्चे धागे से बंधे
अटूट बंध
बरसो बाद
मिले भाई बहन
झड़ी सावन
ओ चंदा मामा
भीगे माँ के नयन
राखी बंधा जा
माथे तिलक
हाथ रेशम डोर
वीरा विभोर
आया न भैया
भिजवा उपहार
फर्ज़ निभाया
चाँद सा भैया
सूरज सा चमके
बहना आस
सजाये थाल
जोहते रहे बाट
नैन व्याकुल
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