कोरी अंगियाँ
मनवा रंग गये
नैनों से सैयां
मंजीरा ,चंग
ठिठोलियाँ ,चुहल
फागुन रंग
मनवा रंग गये
नैनों से सैयां
मंजीरा ,चंग
ठिठोलियाँ ,चुहल
फागुन रंग
देती प्रकृति
भांति भांति के रंग
प्रेम सन्देश
भांति भांति के रंग
प्रेम सन्देश
विविध रंग
संदेशा प्रकृति का
प्रेम की छटा
भर उमँग
खेले हाइकु होली
विविध रंग.| गोपी अरज
खेलो होरी साँवरे
मन बिरजभूलो सजन
शिकवा शिकायत
होली मिलन
रंग दी भौजी
सजन मनमौजी
घुंघट बैरी
यारो के संग
त्योहारों की उमंग
भंग तरंग
संदेशा प्रकृति का
प्रेम की छटा
भर उमँग
खेले हाइकु होली
विविध रंग.| गोपी अरज
खेलो होरी साँवरे
मन बिरजभूलो सजन
शिकवा शिकायत
होली मिलन
रंग दी भौजी
सजन मनमौजी
घुंघट बैरी
यारो के संग
त्योहारों की उमंग
भंग तरंग
शर्मायी गोरी
बिखरे गालो पर
रंग सिंदूरी
बिखरे गालो पर
रंग सिंदूरी
उदास गोरी
बीता जाए फागुन
चुनर कोरी
बीता जाए फागुन
चुनर कोरी
उदास गोरी
सजना नही आए
चुनर कोरी
सजना नही आए
चुनर कोरी
नशीले नैन
बहकाती कदम
प्रीत मदिरा
श्यामल गात
प्रीत गुलाल लगा
रहा निखर
रहा निखर
दहक रहा
महंगाई का रंग
सिमटा फाग
महंगाई का रंग
सिमटा फाग
सजनी धरा
अपने रंग रँगे
अम्बर पिया
होली दहन जले द्वेष ,मलाल
मन फागुन
धर दो बोली
न होगी बरजोरी
तो खेले होली
न्योतो कन्हाई
बरसाने की छोरी
लट्ठ सजाई
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