तुम जो आये
जल उठे दीपक
मावस रात
जलाया मैंने
एक प्रीत का दीप
सम्हालो तुम
अंततः हारा
एक नन्हे दीप से
तम बेचारा
बनाये दिये
जग रोशन करे
तम में जीये
कच्चे दीपक
पका रहा कुम्हार
देंगे प्रकाश
देहरी पर
सजा प्रेम दीपक
पुकारे तुम्हे
देहरी पर
एक दीप जलाऊ
साँझ प्रहर
जुझारू योद्धा -
चौखट पर अड़ा
नन्हा सा दीया
खुश है पापा
पप्पू पास हो गया
लक्ष्मी की कृपा
फोड़ो भी अब
प्रेम सद्भाव बम
घृणा मिटाओ
मिटा ना पाई
राग द्वेष के धब्बे
करी पुताई
बुझे नयन
दीपोत्सव मनाते
रोशनी देख
दीपदान हो
कही फैले रोशनी
नेत्रदान हो
जली लड़ियाँ
हसी फुलझड़ियाँ
मनी दीवाली
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