BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

शुक्रवार, 20 सितंबर 2013

मेरी परछाई



"छाया" विषय पर आधारित सेदोका हिंदी हाइकू में प्रकाशित 
१)

जीवन यात्रा 
तपता मरुस्थल 
मृगतृष्णा का खेल 
थका पथिक 
कैक्टस के वन में 
तलाश रहा छांव 

२)
मुखौटे चढ़े 
भागते हुए लोग 
अजनबी शहर 
इन्हीं में कहीं 
मुझसे रूठ बैठी 
मेरी ही परछाई 


18 टिप्‍पणियां:

  1. वाह उपरोक्त विषय पर बेहद सुन्दर सेदोका लिखा है आपने बहुत ही बढ़िया आदरणीया सुनीता जी, हार्दिक बधाई

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. achcha blog bnaya h aun ne ! nc sunita ji achcha likha h aapne :) aap donoko badhai

      हटाएं
    2. @अरुण जी .. सर्वप्रथम आपका बहुत बहुत शुक्रिया आपने इस ब्लॉग की रुपरेखा ही बदल दी सच में गुलशन बन गया मेरा हायकू गुलशन .. और रचना पर आपकी स्नेहसिक्त प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार :)

      @pratibha ji -- .. रचना पर आपकी स्नेहसिक्त प्रतिक्रिया के लिए दिल से आभार :)

      हटाएं
  2. बेमिसाल ब्लॉग और रचना लाजबाब
    हार्दिक शुभकामनायें स्नेह

    जवाब देंहटाएं
    उत्तर
    1. @विभा दी ... आपकी नेह भरी सराहना ही मुझमे आत्मविश्वाशi जगाती है दी .. दिल से शुक्रिया :)

      हटाएं
  3. उत्तर
    1. स्वागत है @नील .. सराहना कर मेरा उत्साह बढाने के लिए हार्दिक आभार :)

      हटाएं
  4. उत्तर
    1. स्वागत है @kailash sir ji . सराहना कर मेरा उत्साह बढाने के लिए हार्दिक आभार :)

      हटाएं
  5. उत्तर
    1. स्वागत है @Anand vikram ji .. सराहना कर मेरा उत्साह बढाने के लिए हार्दिक आभार :)

      हटाएं
  6. उत्तर
    1. स्वागत है @Mukesh kumar sinha ji सराहना कर मेरा उत्साह बढाने के लिए हार्दिक आभार :)

      हटाएं
  7. आदरणीय @मयंक सर जी प्रणाम ... आपका आशीर्वाद पाकर लेखन सफल हुआ और चर्चा मंच में इस रचना को शामिल करने हेतु हार्दिक आभार ... स्नेह बनाये रखे :) स्दादर नमन

    जवाब देंहटाएं
  8. सुन्दर विषय-
    बढ़िया प्रस्तुति-
    आभार आदरणीया-

    जवाब देंहटाएं
  9. स्वागत है आपका ... सराहना हेतु हार्दिक आभार

    जवाब देंहटाएं
  10. ..सुंदर प्रस्तुति जरूरी कार्यो के ब्लॉगजगत से दूर था
    आप तक बहुत दिनों के बाद आ सका हूँ

    जवाब देंहटाएं