BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

बुधवार, 17 जून 2015

बोझिल बचपन



बस्ते से दबा
बोझिल बचपन
खो रहे स्वप्न ।

झरते पत्ते
छात्रावास प्रांगण
सहेजे बच्चे ।
अम्मा के नाम
छात्रावास से पाती
थे कुछ पत्ते।
सहेजे पत्ते
छात्रावास में बच्चे
 दर्द एक सा ।

नही आवारा
भटकता पल्लव
भाग्य का मारा ।

शाख से जुदा
उड़ा हवा में पत्ता
है मनचला ।
शाख से गिरा
थामें धरा आँचल
कांपता पात ।

बनेगे खाद
टूटे कोमल पात
थामे जो धरा ।

कोमल पात
हुआ शाख से जुदा
ले उडी हवा ।

उड़ता पत्ता
अटका झाड़ियो में 
पानी में गत्ता ।

भटके पात
बरगला ले गयी
आतंकी वात ।


     


गुरुवार, 28 मई 2015

जेठ की दुपहरी



1.
आ रे बदरा

लांछ्नाये जलाती
भरो अँचरा

2.

ताप संगत
खिले गुलमोहर 
नवरंगत

3.

धूप से मिली
मृदु मंद बयार 
लू बन चली
4.
कुछ सूखते
कुछ निखर जाते
ताप से वृक्ष
5. 
धूप प्रखर 
लम्बी परछाईयाँ
सिमटी घर
6.
पाकर धूप 
खिल गए सुमन
निखरा रूप
7.
चिहुँके पथ
जेठ की दुपहरी
स्कूल की छुट्टी
8.
चहके बच्चे 
फुफकारती लू के
टूटे है दंत
९.
धूप में खड़ा
बाँट रहा पलाश
रँग  प्रीत के
10.
शीतल छाँव
धूप का महादान
दंभित तरु
११.
धूप  या छाँव
चलते रहे राही
ढूंढते ठाँव

१२.
गली ,चौबारे
चहक रहे बच्चे
बिसूरती लू ।



रविवार, 24 मई 2015

आरक्षण का रथ



विकास पथ
आरक्षण का रथ
शिथिल गति

 मेघा निगले
आरक्षण के कीड़े
नेता देश के

 जुती भारती
आरक्षण के रथ
लंगड़ी घोड़ी

खिले सुमन
छिद्रित  पंखुरियाँ
बीज हैो ेंबींधे( रुग्ण  है जड़ )