BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

गुरुवार, 24 सितंबर 2015

टूटा सितारा



आई थी रात
यूँ ही बस मिलने
ठहर गयी

दिखाई दिया
गुमनाम सितारा
टुटा  था  जब

टूटा  सितारा
फिर खो गया कहीं
किसी का  प्यारा

मंगलवार, 22 सितंबर 2015

यादो के झूले


लेती आशीष
छू माता के चरण
वट की जटा

 होले से ठेले
वट की छाँव डले
यादो के झूले

वर्षा के बाद
साफ़ हो गये  दिल
तने पे खुदे





गुरुवार, 30 जुलाई 2015

अनुभूति में प्रकाशित हाइकु - बाँस ,वर्षा



रखते बाँस
अनुभव पोटली
लगा के गाँठ

खोजे पवन
मधुर सरगम
बाँस के वन

वर्षा ने छुआ
झुर्री भरी दिवार
सिसक उठी

नभ में दौड़े
बन ठन बादल
आवारा छोरे

लाये बदरा
परदेशी का ख़त
भीगा भीगा सा

http://www.anubhuti-hindi.org/haiku/vishayanusar/varsha.htm
http://www.anubhuti-hindi.org/sankalan/baans/haiku.htm