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अरुन शर्मा 'अनन्त'
बुधवार, 9 अप्रैल 2014
झड़े पल्लव
१)
वर्षा नैनो में
बसंत पतझड़
बसे मन में
२)
झड़े पल्लव
पतझड़ नहीं ये
रोया वसंत
३)
पुराने पात
पतझड़ आते ही
छोड़ते साथ
४)
हरित पात
अचानक जो झड़े
तरु उदास
५)
आया वसंत
बेअसर खड़ा है
बुड्डा पीपल
६)
प्रिय वसंत
पतझड़ सँवारे
तेरा ये रूप
७)
मन के ऋतू
वसंत पतझड़
बदलेगा तू
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