BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

शुक्रवार, 7 फ़रवरी 2014

खुशबू बाकी





खुली किताब 

देता वही खुशबू 
सूखा गुलाब 

खोली किताब 
महका फिर आज 
सूखा गुलाब

जले जोनाकी 
मुरझाया गुलाब
खुशबू बाकी

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