कुम्हार गढ़े
अनगढ़ माटी से
सुघड़ घड़े
गुरु ईश्वर
मिले चरणरज
मुक्ति सहज
गुरु सुनार
तपा गला के गढ़े
कुंदन हार
तमस हटा
आलोकित हो पथ
ज्ञान दीप से
ज्ञान सरिता
बहती चतुर्दिक
कहाँ खोजता …?/लगाओ गोता
निर्मल पन्नेउज्ज्वल गुणगाथालिखे लेखनी ।
धूप न बाती
हरे मन का तम
मणि ज्ञान की
चोरी हो गया
अमूल्य ज्ञान धन
सुना है कभी --??
ज्ञानदीपक
लड़े अंधेरो संग
छुपे हैं नीचे
गिर रहा है
नैतिक मूल्य संग
शिक्षा का ग्राफ
अधर्म गुरु
विद्यार्थी धृतराष्ट्र
महा भारत
गीता कुरान
चारित्रिक निर्माण
हुयी कुर्बान /बुझी लोबान
बदल रही
परिभाषा-- या फिर-
मानसिकता …। ?!
शिक्षा संस्थान
चरित्र निर्माण की
बंद दुकान
पढ़ाता रहा
सत ,धर्म का पाठ
लूटता रहा
अंतरजाल /(इंटरनेट )
बनी शिक्षा की रीढ़
बुद्धि कंगाल
गूगल बांटे
अमुल्य ज्ञान निधि
बटोरे जग
पलटो देखो
हर सिक्के के होते
दो दो पहलु
बड़ी मायावी
गूगल की गलियाँ
ठगा विवेक
सड़ने लगे
अधपके फल भी
फैली दुर्गंध
आंख का अँधा
नाम नयनसुख
काली का धन्धा
काली का धन्धा
सुन्दर हाइकु सारे.
जवाब देंहटाएं@निहार रंजन जी --स्वागत है आपका ..:) प्रतिक्रिया दे कर प्रोत्साहित करने के लिए तहेदिल से सुक्रगुजर हूँ आपकी .. :) जय श्री कृष्ण
हटाएंमन को हरे
जवाब देंहटाएंशीतल करे नैन
उम्दा हाइकु
@विभा दी ... आपकी स्नेहपूर्ण प्रतिक्रिया पढ़ कर मन शीतल हो गया :) आपको पसंद आया लेखन सार्थक हुआ ..तहेदिल से शुक्रिया
हटाएंhaardik aabhar @sushil ji :)
जवाब देंहटाएंबत्ती न धूप
जवाब देंहटाएंहरे मन का तम
ज्ञान का दीप
bahut sunder ....!!
@harkirat ji ..swagat hai apka .. rachna par apki amulya pratikriya mera utsaag badha gayi :)aabhaar
हटाएंप्रशंसनीय रचना - बधाई
जवाब देंहटाएंशब्दों की मुस्कुराहट पर
....अनकहा सच और अन्तःप्रवाह से प्रारब्ध तक का सफ़र बहुमुखी प्रतिभा:))