BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

शनिवार, 27 जुलाई 2013

हँसे सुमन



कवि प्रदीप चौबे जी की रचना से प्रेरित हाइकु …. 

पसीना सींचे 
हुजूम के हुजूम 
फूल है उगे  | 

लौटा सावन 
लौटेंगी बहारे भी 
उम्मीदें हरी | 


22 टिप्‍पणियां:

  1. बहुत बढ़िया...
    सादर/सप्रेम
    सारिका मुकेश

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    1. स्नेहपूर्ण प्रतिक्रिया हेतु हार्दिक आभार आदरणीय @ताऊ रामपुरिया जी .... :) जय श्री कृष्ण

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  3. बहुत सुन्दर प्रस्तुति...!
    आपको सूचित करते हुए हर्ष हो रहा है कि आपकी इस प्रविष्टि का लिंक आज रविवार (28-07-2013) को त्वरित चर्चा डबल मज़ा चर्चा मंच पर भी है!
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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    1. चर्चा में मेरी रचना शामिल कर के मुझे सम्मानित करने का हार्दिक आभार आदरणीय @रूपचंद्र जी .... :)
      सादर नमन

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  4. सुनीता जी बेहद सुन्दर हाइकू हैं दिल को छू गए बहुत बहुत बधाई स्वीकारें

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    1. @अरुण शर्मा जी .... आपका भी बहुत बहुत शुक्रिया अपने मेरी बहुत सहायता की जिसके लिए आभारी हु सदैव :)

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  5. Wow! Ye kab banaya.....! Meri taraf se haardik shubhkaamnaayen.

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    1. @राहुल ... shukriyaa भाई सब तुम दोस्तों के स्नेह और सम्मान का असर है ... :) युही स्नेह बनाये रखना :)

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  6. बहुत सुन्दर और सार्थक हाइकु....

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  7. बहुत सुन्दर नेह
    सभी हाइकू बढ़िया हैं

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