BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

गुरुवार, 7 मई 2020

बुद्ध पूर्णिमा



1)
भटक रहा 
कुछ तो तलाशता 
सब में बुद्ध 
2)
बुद्ध पूर्णिमा-
नये घर का पता 
तलाशता "मैं "
3)
कई चेहरे
मेरे चेहरे में ही -
सेल्फी टाइम 



शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020

विश्व पुस्तक दिवस


खुली किताब-
आज फिर महका
सूखा गुलाब 
***********
उसकी भेंट -
चमेली की खुशबू
हर पृष्ठ में 
**********
रोती गुड़िया -
किताबों में खो गयी 
नन्ही परियाँ 
************

गुरुवार, 7 फ़रवरी 2019

अहो !वसंत


१)
पीत चुनर
बौर झुमके लाया
पिया वसंत
२)
आये न कंत
 झुलसाये है जिया
हवा बसंती
३)
निगली  बौर
विकिरण राक्षसी
बसंत मौन
४)
प्रणयी नभ
दुल्हन बनी धरा
धुंध उपर्णा
५)
अवनि वधु
धुंध अन्तरपट
व्याकुल नभ
६)
छंटे बादल
सहेजती वसुधा
प्रीत के पल
७)
अहो !वसंत
अमराई में गुँजे/ वीराने में गूंजते
कोकिला स्वर
८)
धूप  के खड़ा
बाँट रहा पलाश
रंग प्रीत का ।
९)
ग़ाँव की सीमा -
आ लिपटी गले से
हवा वसंती

१७ 
अधूरी कृति -
झेलती रात भर 
दर्द प्रसूति

११) 
ठंड इतनी 
सिकुड़ने लगी   है 
खुली खिड़की