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अरुन शर्मा 'अनन्त'
शुक्रवार, 24 अप्रैल 2020
विश्व पुस्तक दिवस
खुली किताब-
आज फिर महका
सूखा गुलाब
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उसकी भेंट -
चमेली की खुशबू
हर पृष्ठ में
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रोती गुड़िया -
किताबों में खो गयी
नन्ही परियाँ
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1 टिप्पणी:
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
24 अप्रैल 2020 को 4:37 pm बजे
बेहतरीन हाइकु
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