BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

रविवार, 17 मई 2020

कोरोना काल -1


लॉक डाउन -
घर घर पहुँची 
फूलों की गंध 

कहीं पास ही
एम्बुलेंस की ध्वनि -
 प्रार्थना में माँ
08/05/2020

ऑरेंज जोन -
द्वार पे दादी बाँधे 
नीम की डाली 

लाख के पार
कोरोना मृत्यु ग्राफ -
यही प्रलय ?
7/5/2020

लॉक डाउन-
दस्तक उपरांत
लंबी खामोशी

lockdown -
sound of a doorbell
then silence

09/04/2020


लॉक डाउन -
सन्नाटे को भेदती 
उड़ी पतंग 

lockdown-
a kite above
flies higher and higher 
03/04/2020

विकास दौड़
 गति अवरोधक 
को वी द 1 9 
24/03/2020

जाना है गाँव
पटरी पे रोटियाँ
प्रतीक्षारत

खोज रहीं हैं
गाँव जाने का रास्ता -
ट्रैक पे रोटी

09/05/2020





शुक्रवार, 15 मई 2020

कुटुंब


उधड़े रिश्ते 
सिलती रही अम्मा 
सांझा कुटुंब 

साँझी अंगीठी 
रोटियों संग पके 
चुहल मीठी 

जली ही सही
साँझे चूल्हे में पकी
रोटियाँ मीठी 

रजनीगंधा
फूलों में गुँथे फूल
सह कुटुंब 

साझा कुटुंब 
घटाती बढ़ाती माँ 
रिश्तों में नून


गुरुवार, 14 मई 2020

हिंदी - मराठी हाइकु

किसी भी रचना को उसकी मूलभाषा से किसी अन्य भाषा मे रूपांतरण सहज कार्य नही है । क्योंकि इसमें केवल अनुवाद नही होता वरण उतने  ही और उन्ही शब्दों  के द्वारा उस रचना की आत्मा उसके भाव को भी वैसे का वैसे ही रखने की कोशिश  भी की जाती है । यह मेरा परम सौभाग्य है कि मेरे कुछ हिंदी हाइकु रचनाओं का मराठी रूपांतरण  आदरणीय तुकाराम  खिल्लारे जी के द्वारा किया गया है।  इसके लिए मैं तहेदिल से उनकी आभारी हूँ कि उन्होंने मेरी रचनाओं को इस योग्य समझा और उसे अपना कीमती समय दिया 😊🙏
*मराठी अनुवाद*
1
ठिठके पाँव-
मंदिर की सीढ़ी पे 
पिता का नाम 

थांबे पाऊल
देवळाच्या पायरी
पित्याचे नाव

2.
पिता को पत्र
उत्तर पुस्तिका पे 
फैलते शब्द 

पित्याला पत्र
उत्तर पत्रिकेत 
फुटले शब्द

3
श्मशान भूमि
मिला बरसों बाद 
मित्र का पता 

स्मशानभूमि
मिळे किती वर्षांनी
पत्ता मित्राचा

रविवार, 10 मई 2020

माँ विराट सृष्टि

1)
लेती आशीष 
छू माता के चरण 
वट की जटा 
2)
 माँ नही पास
पथ सँवार  रही
उसकी बात 
3)
बंधती नही
परिभाषाओं में माँ
विराट सृष्टि 
4)
भव्य बंगला
खोजती विधवा माँ
कक्ष अपना
5)
नन्ही जुराबें
लगाये बैठी सीने -
गिरती बूँदें
6)
खिले है फूल 
मुस्काई नागफनी 
बरसों बाद
7) 
तोड़े पत्थर
लिये गोद में छौना -
नर्म बिछौना 
8)
पूत कपूत 
दोनों नयनतारे 
अम्मा दुलारे 
9)
माँ नही साथ 
 सिर पे हाथ फेरे 
उसकी बात 
10)
अम्मा के नाम 
छात्रावास से खत
सूखे पल्लव 
11)
उधड़े रिश्ते 
सिलती रही अम्मा 
साझा कुटुम्ब
12)
अम्मा की चिट्ठी 
कुछ हैं नसीहतें
ढ़ेर दुलार ।
13)
कहीं पास ही
एम्बुलेंस की ध्वनि -
 प्रार्थना में माँ

सुनीता अग्रवाल नेह






गुरुवार, 7 मई 2020

बुद्ध पूर्णिमा



1)
भटक रहा 
कुछ तो तलाशता 
सब में बुद्ध 
2)
बुद्ध पूर्णिमा-
नये घर का पता 
तलाशता "मैं "
3)
कई चेहरे
मेरे चेहरे में ही -
सेल्फी टाइम