BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

रविवार, 10 मई 2020

माँ विराट सृष्टि

1)
लेती आशीष 
छू माता के चरण 
वट की जटा 
2)
 माँ नही पास
पथ सँवार  रही
उसकी बात 
3)
बंधती नही
परिभाषाओं में माँ
विराट सृष्टि 
4)
भव्य बंगला
खोजती विधवा माँ
कक्ष अपना
5)
नन्ही जुराबें
लगाये बैठी सीने -
गिरती बूँदें
6)
खिले है फूल 
मुस्काई नागफनी 
बरसों बाद
7) 
तोड़े पत्थर
लिये गोद में छौना -
नर्म बिछौना 
8)
पूत कपूत 
दोनों नयनतारे 
अम्मा दुलारे 
9)
माँ नही साथ 
 सिर पे हाथ फेरे 
उसकी बात 
10)
अम्मा के नाम 
छात्रावास से खत
सूखे पल्लव 
11)
उधड़े रिश्ते 
सिलती रही अम्मा 
साझा कुटुम्ब
12)
अम्मा की चिट्ठी 
कुछ हैं नसीहतें
ढ़ेर दुलार ।
13)
कहीं पास ही
एम्बुलेंस की ध्वनि -
 प्रार्थना में माँ

सुनीता अग्रवाल नेह






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