आपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (22-09-2021) को चर्चा मंच ‘तुम पै कौन दुहाबै गैया’ (चर्चा अंक-4195) पर भी होगी!--सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।--हिन्दी दिवस की हार्दिक शुभकामनाओं के साथ। डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
पितृ पक्ष पर सारगर्भित हाइकु ।
जवाब देंहटाएंदूसरे को पढ़ कर हँसी आ गयी ।
जी बहुत बहुत आभार आपका 😊
हटाएंआपकी इस प्रविष्टि के लिंक की चर्चा कल बुधवार (22-09-2021) को चर्चा मंच ‘तुम पै कौन दुहाबै गैया’ (चर्चा अंक-4195) पर भी होगी!--सूचना देने का उद्देश्य यह है कि आप उपरोक्त लिंक पर पधार करचर्चा मंच के अंक का अवलोकन करे और अपनी मूल्यवान प्रतिक्रिया से अवगत करायें।--हिन्दी दिवस की
जवाब देंहटाएंहार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
डॉ. रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'
🙏
हटाएंसच अपनों भली-बुरी यादों को ताजा करा देते हैं श्राद्ध
जवाब देंहटाएंबहुत सुन्दर
जी कविता जी 😊
हटाएंसुंदर, सार्थक रचना !........
जवाब देंहटाएंब्लॉग पर आपका स्वागत है।
बहुत सुंदर सच कहा आपने
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