BLOG DESIGNED BYअरुन शर्मा 'अनन्त'

शुक्रवार, 23 जुलाई 2021

अम्मा की थाती


हदें तोड़तीं
बरसाती नदियाँ
युवा पीढ़ियाँ ।

साझा कुटुंब 
घटाती बढ़ाती माँ 
रिश्तों में नून ।

खाली मंडप  -
पिता के नयनो में 
पहला आँसू। 

नया शहर  
दादी और तुलसी 
दोनो ही सूखे ।

शिउली फूल 
भोर होते ही झड़े 
नारी के स्वप्न /अम्मा के स्वप्न  ।

पुत्र की पाती
पुतोह की तस्वीर
अम्मा की थाती ।

कौन पुकारे-
खींच रही आँचल
शीतल हवा ।

शिव मंदिर-
युगलों के नाम से
भरी दीवार  ।







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