रची मेहँदी
चटख लाल रंग
जलती सखी
गावे कजरी
नैन सावन भरे
पिया बावरी
लजाई मही
सावन पिया लाये
चुनर हरी
असमंजस
पीहर पिया प्यारे
जाऊ किधर
तुम्हारे बिन
सिसकती पायल
मेहँदी मौन
बागो में झूले
उदास है बाबुल
लाडो न भूले
छवि देखती
बिटिया दर्पण में
माँ बिटिया में
पीहर प्यारा
साजन बिना जले
जिया बाबरा
नुपुर बने
कुरीति,परंपरा
पग जकड़े