पायल रूठी
बैठी जमुना तट
बाट जोहती
आवन कही गयी
बांसुरी झूटी
अबहूँ नही आयी
हुयी गोधुलि
कदंब के हिंडोले
कालिंदी तट
चिढाये रहे मोहे
बैरन बंसी
बिसुर गयी मोहे
रचाये रास
मगन गोपी संग
मैं जलूँ विरहाग्नि
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नाचे मयूर
सजे कान्हा मुकुट
है बड़े भाग
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नाचे मयूर
सजे कान्हा मुकुट
है बड़े भाग
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मैया मोरी मैं नहीं माखन खायो पर आधारित एक चोका
माखन चोर
करत तकरार
बालक निको
मटकी भयि ऊँची
बहियाँ छोटी
माखन कैसे खाऊं
भोर प्रहर
गैयाँ संग भटकूँ
घर फिरयो
संध्या समय तब
बैरी है ग्वाले
करके बरजोरी
मोरे मुखरे
माखन लपटायो
सुन बतिया
हर्षित महतारी
लेती बलैया
नटवर नागर
चूम हिये लगायो
माखन चोर
करत तकरार
बालक निको
मटकी भयि ऊँची
बहियाँ छोटी
माखन कैसे खाऊं
भोर प्रहर
गैयाँ संग भटकूँ
घर फिरयो
संध्या समय तब
बैरी है ग्वाले
करके बरजोरी
मोरे मुखरे
माखन लपटायो
सुन बतिया
हर्षित महतारी
लेती बलैया
नटवर नागर
चूम हिये लगायो